( बदल जाये अगर माली
चमन होता नहीं ख़्हाली
बहारें फिर भी आती हैं
बहारें फिर भी आयेंगी ) – २
बदल जाये अगर माली
चमन होता नहीं ख़्हाली
( थकन कैसी घुटन कैसी
चल अपनी धुन में दीवाने ) २
( खिला ले फूल काँटों में
सजा ले अपने वीराने ) २
हवाएं आग भड़काएं
फ़िज़ाएं ज़हर बरसाएं
बहारें फिर भी आती हैं
बहारें फिर भी आयेंगी
बदल जाये अगर माली
चमन होता नहीं ख़्हाली
( अंधेरे क्या उजाले क्या
ना ये अपने ना वो अपने ) २
( तेरे काम आयेंगे प्यारे
तेरे अरमां तेरे सपने ) २
ज़माना तुझसे हो बरहम
ना आये राह पर मौसम
बहारें फिर भी आती हैं
बहारें फिर भी आयेंगी
बदल जाये अगर माली
चमन होता नहीं ख़्हाली
बहारें फिर भी आती हैं
बहारें फिर भी आयेंगी
बदल जाये अगर माली
चमन होता नहीं ख़्हाली