रक्क़ास1 शरारा2
दो निगाहों का अचानक वह तसादुम3, तौबा
ठेस लगते ही उड़ा इश्क़ शरारा बनकर
उड़के पहले उन्ही झेंपी हुई नज़रों में रुका
नर्म, मासूम, हंसी, मस्त इशारा बनकर
फिर निगह से अर्क़-आलूद:4 जबीं5 पर झलका
पंखड़ी, फूल, गुहर6, लाल सितारा बनकर
ढलके माथे से उतर आया गुल-ए-आरिज़7 में
रंग, रस, शहद, नहीं इनसे भी प्यारा बनकर
गुल-ए-आरिज़ से सिमट आया लैब-ए-रंगीं में
राग, मय, लहर, हंसी, बर्क़8 का धारा बनकर
लब-ए-गुलरंग से फिर रेंग गया बाहों में
लोच, ख़म, जज़्ब9 मचलता हुआ पारा बनकर
बसके बाहों की गुदाज़ी10 मैं चला दिल की तरफ
चाह, अल्ताफ11, करम, प्यार, मुदारा12 बनकर
दिल में डूबा था कि बस फूट पड़ा रग-रग से
जान-ओ-दिल, जान-ए-नज़र, जान-ए-नज़ारा बनकर
पैकर-ए-हुस्न13 से फिर उड़ के चला मेरी तरफ
एक बदमस्त जवानी का उतारा बनकर
रहज़न-ए-होश14 मगर होश का पैग़ाम लिए
दुश्मन-ए-ज़ब्त15 मगर ज़ब्त का यारा16 बनकर
दर्द ही दर्द मगर वजह-ए-सुकूँ17 वजह-ए-तरब18
सोज़ ही सोज़ मगर जान से प्यारा बनकर
आते ही छा गया खोयी हुई हस्ती पे मेरी
मिरी खोयी हुई हस्ती का सहारा बनकर
अब शरारा वही उसके दिल-ए-बेदार में है
और ‘कैफ़ी’ मिरे तपते हुए अशआर19 में है
A Dancing Spark
Suddenly two glances collided with such impact,
That love was like a spark set adrift in time.
First it rested in those bashful eyes
Like a tender, innocent, lovely, drunken sign,
Then it fluttered to her glistering forehead
Like a bud, a flower, a pearl, a star pristine
From her forehead it descended to her petalled cheeks
As colour, essence, honey, no even more divine.
Down her cheeks it withdrew into the colour of her lips
As music, wine, laughter, the lightning’s outline.
From her lips it slithered into her arms
As a curve, an enticement, mercury’s dancing line.
Interred in her arms, it went towards the heart.
As desire, grace, favour, love, courtesy benign
Once drowned in the heart, it broke from every pore
As the heart’s beat, the gaze’s soul, the horizon’s shine.
From the body’s charm, it flew towards me
Like a drunken youthfulness’ irresistible anodyne.
Stealing senses, yet carrying a sensible message
Strengthening restraint, even if destroying its design.
Pain incarnate, yet the reason for joy
Passion itself, yet a part of love sublime.
The moment it came it encompassed my life
By becoming my lost life’s supporting line.
Now sparks alone rest in her heart
And ‘Kaifi’, my burning couplets define.
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1- नाचती हुई 2- चिंगारी 3- टकराव 4- भीगा हुआ 5- साया 6- मोती 7- गालों के फूल 8- बिजली 9- आकर्षण 10- मांसलता 11- कृपा 12- सत्कार, आवभगत 13- रूप की काया 14- चेतना का बटमार 15- धीरज का शत्रु 16- संबल, अवलम्ब 17- शांति का कारण 18- उल्लास का कारण 19- कविता (शे’र का बहुवचन)
A Dancing Spark – रक्क़ास शरारा