Kaifi Azmi

A Kiss – एक बोसा

Shaukat-Kaifi

Shaukat & Kaifi Azmi

एक बोसा

जब भी चूम लेता हूँ उन हसीन आँखों को
सौ चराग अँधेरे में जगमगाने लगते हैं

फूल क्या शगूफे क्या चाँद क्या सितारे क्या
सब रकीब कदमों पर सर झुकाने लगते हैं

रक्स करने लगतीं हैं मूरतें अजन्ता की
मुद्दतों के लब-बस्ता ग़ार गाने लगते हैं

फूल खिलने लगते हैं उजड़े उजड़े गुलशन में
प्यासी प्यासी धरती पर अब्र छाने लगते हैं

लम्हें भर को ये दुनिया ज़ुल्म छोड़ देती है
लम्हें भर को सब पत्थर मुस्कुराने लगते हैं.

A kiss

Whenever I kiss these beautiful eyes
A hundred candles begin to glow in the dark

Not only flowers, or buds, or the moon, or stars
At her feet even the rival bows.

The statues of Ajanta begin to dance
Caves long silent burst into song

Gardens long neglected begin to bloom
Rain clouds start gathering on a thirst earth

For a moment this world renounces crime
For a moment even stones begin to smile

A Kiss – एक बोसा
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